खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़े | NFSA नये नाम जोड़ने के लिए मंत्री सुमित गोदारा ने क्या कहा

खाद्य सुरक्षा योजना (Food Security Scheme) भारत सरकार द्वारा उन गरीब और वंचित परिवारों के लिए चलाई जा रही योजना है, जिन्हें राशन की आवश्यकता है। यह योजना गरीबों को सस्ती दरों पर खाद्यान्न मुहैया कराती है। लेकिन अब तक इस योजना के तहत कई फर्जीवाड़े सामने आए हैं। हाल ही में राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने गिव अप अभियान के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा सूची में फर्जीवाड़े की ओर इशारा किया और इसके सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात की।

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 8.38 लाख से अधिक व्यक्तियों के नाम स्वतः खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाए हैं, जिनका राशन कार्ड गलत तरीके से बना था या जो योजना के पात्र नहीं थे। इस लेख में हम खाद्य सुरक्षा योजना में हो रहे फर्जीवाड़े, गिव अप अभियान, और इसके सुधार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़ा – एक गंभीर समस्या

खाद्य सुरक्षा योजना की सबसे बड़ी समस्या फर्जीवाड़े से जुड़ी है। कई बार बेहिसाब और अपात्र लोग खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड प्राप्त कर लेते हैं और सरकारी राशन का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं। इस प्रकार के फर्जीवाड़े से सरकार के खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ता है, और असल में जो गरीब और जरूरतमंद लोग हैं, वे राशन से वंचित रह जाते हैं।

गिव अप अभियान का उद्देश्य

गिव अप अभियान एक पहल है जिसे राजस्थान सरकार ने शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य स्वयं से हटाने की प्रक्रिया को आसान बनाना है ताकि फर्जी और अपात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा सूची से बाहर किया जा सके।

मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि अब तक 8.38 लाख से अधिक व्यक्तियों ने अपने नाम को खाद्य सुरक्षा योजना से स्वयं हटवाया है, और यह अभियान 28 फरवरी तक अनवरत जारी रहेगा। इस दौरान लोग अपनी इच्छा से राशन कार्ड और खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटवा सकते हैं

गिव अप अभियान में शामिल होने के लाभ

  1. फर्जी राशन कार्ड पर रोक: जो लोग खुद को राशन कार्ड से हटवाते हैं, वे अपने परिवार के नाम को योजना से बाहर करके फर्जीवाड़े को कम करने में मदद कर रहे हैं।
  2. असली लाभार्थियों को मिलेगा लाभ: इस अभियान से उन लोगों को फायदा होगा जो वास्तव में खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र हैं। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें अब सही और पारदर्शी तरीके से राशन मिलेगा
  3. सरकारी संसाधनों की बचत: इस पहल से सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा क्योंकि अब बेहिसाब राशन वितरण से बचा जा सकेगा और गरीब परिवारों को उचित राशन मिल सकेगा।
  4. समान अवसर: यह अभियान स्वतंत्रता से निर्णय लेने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है, जिससे लोग स्वेच्छा से योजना से बाहर हो सकते हैं, यदि वे महसूस करते हैं कि उन्हें इस योजना के तहत लाभ नहीं मिलना चाहिए।

फर्जी राशन कार्ड के लिए कार्रवाई

फर्जी राशन कार्ड बनाने या गलत तरीके से योजना का लाभ उठाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। अब राज्य सरकार द्वारा एक विशेष कंप्यूटराइज्ड सिस्टम के तहत फर्जीवाड़े की पहचान की जा रही है। उन व्यक्तियों का नाम हटाया जा रहा है जो गलत तरीके से लाभ उठा रहे थे। यह प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा योजना को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में मदद कर रही है।

इसके साथ ही, फर्जी राशन कार्ड बनाने वाले माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सरकार ने नकली राशन कार्ड के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है, जिससे राशन कार्ड की सच्चाई और विश्वसनीयता पर कोई आंच न आए।

क्या कहते हैं मंत्री सुमित गोदारा?

मंत्री सुमित गोदारा ने गिव अप अभियान के बारे में कहा, “राज्य सरकार द्वारा गिव अप अभियान का उद्देश्य कानूनी और पारदर्शी तरीके से राशन वितरण को सुनिश्चित करना है। हमने अब तक 8.38 लाख से अधिक लोगों का नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाया है और इस अभियान को 28 फरवरी तक अनवरत जारी रखा जाएगा। यह अभियान पूरी पारदर्शिता और न्यायपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है ताकि पात्र लाभार्थियों को ही इस योजना का सही लाभ मिले।”

उन्होंने आगे यह भी कहा, “यह कदम फर्जी राशन कार्ड को खत्म करने के लिए उठाया गया है, ताकि जो लोग वास्तव में खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र हैं, उन्हें सही समय पर राशन मिल सके।”

निष्कर्ष

खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़ा और गिव अप अभियान एक बहुत ही जरूरी कदम है जो सरकार द्वारा उठाया गया है ताकि सही और जरूरतमंद लोगों को ही राशन का लाभ मिल सके। मंत्री सुमित गोदारा द्वारा की गई घोषणा ने इस योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को और बढ़ा दिया है। 28 फरवरी 2025 तक जारी रहने वाले गिव अप अभियान से अधिक से अधिक व्यक्तियों के नाम राशन सूची से हटाए जाएंगे और बेहिसाब लाभ प्राप्त करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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